What is googolplex [Hindi] | A number which is beyond our thinking.

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कहते हैं हमारा ब्रह्मांड अनंत है,और इसकी रचना बिग बैंग के एक विस्फोट से हुआ है,किन्तु सत्य तो ये है कि इस ब्रह्मांड का ना तो सृजन किया जा सकता है और ना ही इसका विनाश किया जा सकता है,
यदि मैं आपसे से पूछूं की ये हमारे अनंत ब्रह्मांड में कुल कितने एटम्स हैं,तब अब क्या कहेंगे,शायद आप के पास कोई शब्द नहीं होगा कुछ कहने के लिए,और होना भी नहीं चाहिए क्यूंकि इस अनंत ब्रह्मांड में कितने एटम्स होंगे इस बात की आप कभी कल्पना भी नहीं कर सकते।

GOOGOLPLEX A number which is beyond our thinking.

यदि मैं आपसे कहूं की एक ऐसी संख्या भी है जिसको यदि इस ब्रह्मांड के हर एटम्स पर लिखना शुरू किया गया तो शायद इस ब्रह्मांड में एटम्स कम पड़ जाए इसको पूरा लिखने के लिए।
आप शायद हैरान हो गए होंगे और सोच रहे होंगे कि क्या सच ऐसा में है,यदि आप सोच रहे हैं तो बिल्कुल ऐसा ही है।
आज हम लॉज आफ नेचर में एक ऐसी संख्या के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं जो इतना बड़ा हैं कि आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
हम जिस नंबर की बात कर रहे हैं वो नंबर है, 10^(10^100) जिसे गूगोलप्लेक्स कहते है,जिसमें 10^100 को गूगोल कहा जाता है,इसका मतलब है कि एक गूगोलपलेक्स होता है, 10^(गुगोल)।
वर्ष 1920 में एडवर्ड कश्नर की नौ साल भतीजी मिल्टन सिर्रोटा ने इसका नाम गूगोल रखा,जिसका मान है 10^100  और आने वाले समय में इसका नाम गुगोलप्लेक्स कर दिया गया, जिसका मान है 10^(10^100),ये संख्या इतना बड़ा है कि आप अगर इसे लिखने के लिए बैठे तो आपको इसे लिखने के लिए कई जन्म लेने पड़ जाएंगे,फिर भी इसकी कोई गारंटी नहीं की आप इसे पूरा लिख ही लें।
यदि हम इसके साइज़ की बात करें तो एक साधारण सी किताब में कितने 10^6 शून्य लिखे जा सकते है,और ऐसा करने में लगभग 400 पृष्ठो की जरूरत होगी,जिसमें हर पृष्ठ पर 50 लाइन बने है और हर लाइन में 50 शून्य लिखे हुए है।

यदि हम गूगोलप्लेक्स को इस तरह की बुक पर लिखना चाहें जिस तरह की बुक की अभी हमने बात की है, तब हमे पूरा का पूरा गूगोलप्लेक्स लिखने के लिए ऐसी 10^94 बुको की जरूरत होगी,अब मान लीजिए कि इसी प्रत्येक बुक का मास 100 ग्राम है,तब कुल मास हो गया 10^93 किलो
यदि हम इस मास की तुलना अर्थ के मास से करें तो अर्थ का मास सिर्फ 5.972×10^24 किलो है,और यदि हम अपने आकाशगंगा मिल्की वे की बात करे तो उसका भी मास कुछ खास नहीं है, उसका मास लगभग 2.5×10^42 किलो है।
और यदि हम इस मास की तुलना अब तक के देखे गए ब्रह्मांड के मास से करें तो अब तक देखे गए ब्रह्मांड का मास लगभग
1.5×10^53 किलो है।
गूगोलप्लेक्स को पूरा लिखने के लिए या गूगोलप्लेक्स जिस बुक पर लिखा जा सकता है उसका कुल मास मिल्की वे और एड्रोमेदा गलैक्सी के कंबाइन मास से 2.0×10^50 से फैक्टर से बड़ा है,और ऑब्जवेबल यूनिवर्स के मास से 7×10^39 फैक्टर से बड़ा है, अर्थात इसे लिखने के लिए ब्रह्मांड का मास भी काम पड़ गया।
यदि हम गूगोलप्लेक्स को इस ब्रह्मांड के एक एक एटम्स पर भी लिखना शुरू करते हैं तब भी इस ब्रह्मांड में एटम्स की संख्या कम पड़ जाएगी क्यूंकि हमारे ऑब्जर्वेबल ब्रह्मांड में  अनुमान के अनुसार लगभग 10^78 एटम्स हैं।

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ये भौतिक दुनिया इस तरह के बड़े नंबर को लिखने के लिए प्रयाप्त नहीं है,और यदि कोई व्यक्ति इस नंबर को लिखना शुरू भी करता है,2 नंबर प्रति सेकंड की दर से तो उसे पूरा का पूरा गूगोलप्लेक्स लिखने के लिए 1.51×10^92 साल लग जाएंगे,जो इस ब्रह्मांड के उम्र से लगभग 1.1×10^82 साल गुना बड़ा है,उस व्यक्ति का अस्तित्व किसी भी हालत में संभव नहीं हो सकता,क्यूंकि सब कुछ बिग बैंग के बाद बना है,आप भी मैं भी।माना जाता है कि इस देख सकने वाले ब्रह्मांड में एलीमेंट्री पार्टिकल की संख्या लगभग 10^97 है,डार्क मैटर को मिला कर,ये है द मैसिव गूगोलप्लेक्स।
बस आप ये जान लीजिए कि इस ब्रह्मांड में हमारी कोई औकात है ही नहीं,हम इस ब्रह्मांड में होकर भी हम इस ब्रह्मांड के लिए नेगलिजिबल है।

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